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सो अज प्रेम भगति बस कौसल्या के गोद.....!!!!! - Geeta Dhara - My Path
सो अज प्रेम भगति बस कौसल्या के गोद…..!!!!! ***************************************** “रचि महेश निज मानस राखा।” शंकरजी ने इसे अपने मन के अन्तराल में रखा था । राम कथा के तेइ अधिकारी । जिन्ह के सतसंगति अति प्यारी ॥ गुर पद प्रीति … Continue reading →
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