**He hears without ears, sees without eyes, walks without legs, do every work without hands…!!!
**करुणानिधान मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का गिलहरी प्रेम।
**मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का मर्यादित और नीतिगत क्रोध।
**श्री जानकीवल्लभो विजयते !!
**रामचरित मानस में मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्री राम के प्रति भाव के प्रतीक अनुरागी भाई श्री भरत का समर्पण चरित्र।
**कलिजुग केवल हरि गुन गाहा।
**श्री राम चंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम्।
**मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्री राम का मर्यादित चरित्र:
**“Being omnipresent, you are everywhere…. O’ Lord Rama!”
**जाकी रही भावना जैसी।
**”रचि महेश निज मानस राखा।”
**हे राम……..!!!
**राम राम राम जीह जौलौं तू न जपिहै ।
** जद्यपि ब्रह्म अखण्ड अनन्ता।
**रामचरित मानस में वर्णित नवधा भक्ति।
**रामचरित मानस से प्रभु श्री राम का मनुष्य को अपने सामाजिक जीवन में अनुकरण करने योग्य महानतम चरित्र चित्रण।
**जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
** रामचरित मानस के ‘दर्शन, अध्यात्म, और विज्ञानं’ का संक्षिप्त आध्यात्मिक स्वरूप।
***निसिचरि एक सिन्धु महुँ रहई।।
**‘मानस’ में नारी का स्वरूप’।
**रामचरित मानस की अमूल्य पंक्तियाँ जो सदा अंतःकरण को सर्वथा प्रकाशित करते हुए मार्ग निर्देशन करती रहती हैं।
**ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां
**राम, एक अनुभवगम्य आध्यात्मिक विश्लेषण।
**Devotion, a drop of the ocean…!!!
**राम बिमुख अस हाल तुम्हारा।
विनम्र शुभेक्षाओं सहित।
~मृत्युञ्जयानन्द।