May the festival of Vijayadashami (Dussehra) bring victory and remembrance of Lord Ram in life!!!

हे जगताधिपति राम,
क्या रावण वध के लिए
अब
वल्कल पीत वस्त्र,
मस्तक पर जटाजूट
और
चौदह वर्ष के वनवास का तापस होना
अनिवार्य नही रहा?

“सविनय”
~ मृत्युञ्जयानन्द ~  ©2018

“Humble Wishes”
~mrityunjayanand~

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One Response to May the festival of Vijayadashami (Dussehra) bring victory and remembrance of Lord Ram in life!!!

  1. Mrityunjayanand says:

    सान्द्रानन्दपयोदसौभगतनुं पीताम्बरं सुंदरं
    पाणौ बाणशरासनं कटिलसत्तूणीरभारं वरम्‌।
    राजीवायतलोचनं धृतजटाजूटेन संशोभितं
    सीतालक्ष्मणसंयुतं पथिगतं रामाभिरामं भजे॥

    जिनका शरीर जलयुक्त मेघों के समान सुंदर (श्यामवर्ण) एवं आनंदघन है, जो सुंदर (वल्कल का) पीत वस्त्र धारण किए हैं, जिनके हाथों में बाण और धनुष हैं, कमर उत्तम तरकस के भार से सुशोभित है, कमल के समान विशाल नेत्र हैं और मस्तक पर जटाजूट धारण किए हैं, उन अत्यन्त शोभायमान श्री सीताजी और लक्ष्मणजी सहित मार्ग में चलते हुए आनंद देने वाले श्री रामचन्द्रजी को मैं भजता हूँ॥

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