Monthly Archives: April 2024

राम नाम मणिदीप है! (The Name of Ram is a Gem-like Lamp)

रामनवमी आगमन-एक विशिष्ट आध्यात्मिक पुष्पांजली! The Arrival of Ram Navami – A Special Spiritual Floral Offering! राम नाम मणिदीप है! The Name of Ram is a Gem-like Lamp **************************   कुसल कुसल कहत जग बिनसे ,कुसल काल की फाँसी । … Continue reading

Leave a comment

“हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता” (With us is Lord Raghunath, so why worry about anything?)

“हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता”  With us is Lord Raghunath, so why worry about anything?   “शरण में रख दिया जब माथ, तो किस बात की चिंता”  When you have taken refuge in Him, why worry … Continue reading

Leave a comment

श्रीराम द्वारा दी गई शिक्षाएं! (Teachings Given by Shri Ram)

||ॐ|| *श्रीरामचरितमानस*   राम अनंत अनंत गुनानी । जन्म कर्म अनंत नामानी ।। जल सीकर महि रज गनि जाहीं । रघुपति चरित न बरनि सिराही । ( उत्तरकांड 51/2)   पार्वती जी को श्रीराम कथा सुनाने के बाद शिव जी … Continue reading

Leave a comment

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । (O Mind, Worship the Merciful Shri Ramachandra, Who Removes the Terrible Fear of Worldly Existence)

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं । पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥२॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानव … Continue reading

Leave a comment

सर्वव्यापी होते हुए, आप हर जगह हैं – हैं श्रीराम! (Being Omnipresent, You are Everywhere….O’ Lord Ram!)

यह गोस्वामी तुलसीदास कृत महाकाव्य रामचरितमानस (श्रीराम के चरितों की सरिता) से लिया गया एक अंश है। दो0-पूँछेहु मोहि कि रहौं कहँ मैं पूँछत सकुचाउँ। जहँ न होहु तहँ देहु कहि तुम्हहि देखावौं ठाउँ।।१२७॥ सुनि मुनि बचन प्रेम रस साने। … Continue reading

Leave a comment