Author Archives: Mrityunjayanand

Until you Chant the Name of Lord Ram with your Tongue (राम राम राम जीह जौलौं तू न जपिहै)

राम राम राम जीह जौलौं तू न जपिहै । तौलौं, तू कहूँ जाय, तिहूँ ताप तपिहैं ॥१॥   सुरसरि – तीर बिनु नीर दुख पाइहै । सुरतरु तरे तोहि दारिद सताइहै ॥२॥   जागत, बागत, सपने न सुख सोइहै । … Continue reading

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Those Protected by Raghubir (Lord Ram) are Saved, even in the Direst of Times (जे राखे रघुबीर, ते उबरे तेहिं काल महु)

रामनवमी के पुण्य अवसर पर पूज्य गुरुदेव द्वारा अमूल्य आध्यात्मिक रहस्योद्घाटन। जे राखे रघुबीर, ते उबरे तेहिं काल महु! ****************************************   इहां देव ऋषि गरुड़ पठायो । राम समीप सपदि सो आयो ।। दो :- खगपति सब धरि खाए, माया … Continue reading

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A Concise Spiritual Essence of the “Philosophy, Spirituality, and Science” of the Ramcharitmanas (रामचरित मानस के ‘दर्शन, अध्यात्म, और विज्ञानं’ का संक्षिप्त आध्यात्मिक स्वरूप!)

रामचरित मानस के ‘दर्शन, अध्यात्म, और विज्ञानं’ का संक्षिप्त आध्यात्मिक स्वरूप। ************************** A concise spiritual essence of the “philosophy, spirituality, and science” of the Ramcharitmanas.   मानस में रामकथा का प्रारम्भ और समापन स्थल ‘अयोध्या’ है। मानस का अर्थ है … Continue reading

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बुद्धिहीन रावण! राम क्या मनुष्य हैं………..?????

बुद्धिहीन रावण! राम क्या मनुष्य हैं? रामनवमी के पुनीत अवसर पर महापुरुषों का विशिष्ट चिंतन..!! ******************************************** जद्यपि ब्रह्म अखण्ड अनन्ता। अनुभव गम्य भजहिं जेहि सन्ता।। (मानस, 3/12/12) योगी अनुभव में रमण करते हैं। अनुभव भव से अतीत एक जागृति है, … Continue reading

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प्रभु श्री राम का आध्यात्मिक स्वरूप…….!!!!!

प्रभु श्री राम का आध्यात्मिक स्वरूप।। ****************************** अंतःकरण में प्रस्फुटित अनुभवगम्य अनुभूति का एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण।। ********************************* सती पार्वती की भी यही जिज्ञासा थी। उनका एक जन्म तो संशय में चला गया कि नर-तन धारण करनेवाले राम भगवान कैसे हो … Continue reading

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जननी मैं न जीऊँ बिन राम……!!!!!

जननी मैं न जीऊँ बिन राम। जननी मैं न जीऊँ बिन राम, राम लखन सिया वन को सिधाये गमन, पिता राउ गये सुर धाम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम। कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये न वाके ग्राम, जननी मैं … Continue reading

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